ॐ श्री गणेशाय नमः

विघ्न हरण मंगल करण, श्री गणपति महाराज, प्रथम निमंत्रण आपको, पूरण कीजौ काज।।

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्, सदा वसंतम हृदयारविंदे भवंभवानी सहितं नमामि ||

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

||ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ||

प्रमाद से प्रसाद की ओर

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

जो इच्छा करिहहु मन माहीं।
हरि प्रसाद कछु दुर्लभ नाहीं॥